
जहाँ मेघ हो, वहाँ मोर नाचेंगे
जहाँ पुष्प हो, वहाँ भौरें मंडराएंगे
जहाँ रस हो, वहाँ घुंघरू झूमेंगे
जहाँ भक्ति हो, वहाँ भजन गूंजेंगे
जहाँ सागर हो, वहाँ सरिता बहेगी
जहाँ प्रीत हो, वहाँ रास रचेगी
जहाँ मिलन हो, वहाँ सेज सजेगी
जहाँ उन्माद हो, वहाँ रात बीतेगी
जहाँ तुम हो, वहाँ सांस टिकेगी
जहाँ याद हो, वहाँ आस रहेगी
जहाँ भाव हो, वहाँ लेखनी चलेगी
जहाँ कृष्ण हो, वहाँ मीरा लिखेगी
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